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नूर इनायत खान द्वितीय विश्वयुद्ध के दौरान भारतीय मूल की ब्रिटिश जासूस

नूर इनायत खान जिनका असली नाम नूर -उन-निसा इनायत ख़ान था,नूर भारतीय मूल की ब्रिटिश जासूस थीं,इनका जन्म 1 जनवरी 1914 में हुआ था नूर इनायत ने द्वितीय विश्वयुद्ध के दौरान मित्र देशों के लिए जासूसी की। ब्रिटेन के स्पेशल ऑपरेशंस एक्जीक्यूटिव के रूप में प्रशिक्षित नूर द्वितीय विश्वयुद्ध के दौरान फ्रांस के अधिकार क्षेत्र में जाने वाली पहली महिला वायरलेस ऑपरेटर थीं।

जर्मनी द्वारा गिरफ़्तार कर यातनायें दिए जाने और गोली से शूट कर उनकी ह त्या किए जाने से पहले द्वितीय विश्वयुद्ध के दौरान वे फ्रांस में एक गुप्त अभियान के अंतर्गत नर्स का काम करती थीं। फ्रांस में उनके इस कार्यकाल तथा उसके बाद आगामी 10 महीनों तक उन्हें बहुत यातनायें दी गईं और पूछताछ की गयी, लेकिन पूछताछ करने वाली जर्मनी की ख़ुफिया पुलिस गेस्टापो द्वारा उनसे कोई राज़ नहीं उगलवा सकी।

उनके बलिदान और साहस की कहानी पूरे युनाइटेड किंगडम और फ्रांस में मशहूर है। उनकी सेवाओं के लिए उन्हें युनाइटेड किंगडम एवं अन्य राष्ट्रमंडल देशों के सर्वोच्च नागरिक सम्मान जॉर्ज क्रॉस से सम्मानित किया गया। उनकी स्मृति में लंदन के गॉर्डन स्क्वेयर में स्मारक बनाया गया है, जो इंग्लैण्ड में किसी मुसलमान को समर्पित और किसी एशियाई महिला के सम्मान में इस तरह का पहला स्मारक है।