दिल्ली

जामिया मिल्लिया इस्लामिया में ‘एनईपी 2020 और परिवर्तनकारी शिक्षक शिक्षा प्रक्षेप पथ’ विषय पर अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन शुरू हुआ

 

नई दिल्ली। जामिया मिल्लिया इस्लामिया के शिक्षक प्रशिक्षण और अनौपचारिक शिक्षा विभाग (आईएएसई) ने 22 अप्रैल 2025 को ‘एनईपी 2020 और परिवर्तनकारी शिक्षक शिक्षा प्रक्षेप पथ’ विषय पर तीन दिवसीय जामिया अंतर्राष्ट्रीय शिक्षा सम्मेलन शुरू किया जिसे जेआईसीई-2025 के नाम से जाना जाता है। अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन का मुख्य उद्देश्य शिक्षक शिक्षा को मजबूत करने के लिए अनुसंधान, नीति और अभ्यास के अन्योन्य प्रभाव की जांच करना और शोधकर्ताओं, चिकित्सकों और नीति निर्माताओं के बीच सार्थक चर्चा और सहयोग को बढ़ावा देना है जिससे  एनईपी-2020 के अनुरूप वैश्विक रूप से प्रतिस्पर्धी और समावेशी शिक्षा प्रणाली बनाने का मार्ग प्रशस्त किया जा सके।

 

उद्घाटन सत्र की शुरुआत आईएएसई के बी.एड. द्वितीय सेमेस्टर के छात्र श्री मतलूब अहमद द्वारा पवित्र कुरान के पाठ और शिक्षक प्रशिक्षण एवं अनौपचारिक शिक्षा विभाग (आईएएसई) के श्री जीशान ज़मीर अहमद के नेतृत्व में छात्रों की एक टीम द्वारा जामिया तराना के साथ हुई । इस कार्यक्रम में गणमान्य व्यक्तियों और विशिष्ट आमंत्रितों को सम्मानित किया गया और तदुपरांत चार संपादित पुस्तकों का विमोचन किया गया जिसमें प्रतिभागियों के शोध पत्रों का संकलन शामिल है।

 

प्रोफेसर जेसी अब्राहम, शिक्षक प्रशिक्षण एवं अनौपचारिक शिक्षा विभाग की अध्यक्ष , आईएएसई, जामिया मिल्लिया इस्लामिया तथा जेआईसीई-2025 की संयोजक ने स्वागत भाषण दिया। उन्होंने सभी का आभार व्यक्त किया तथा सम्मेलन के मुख्य उद्देश्यों पर संक्षेप में रोशनी डाली । जेआईसीई-2025 के संयोजक प्रोफेसर जसीम अहमद ने सम्मेलन का अवलोकन प्रस्तुत किया जिसमें इसके प्रमुख विषयों, उद्देश्यों तथा अपेक्षित परिणामों को शामिल किया गया। अपने पृष्ठभूमि पत्र में उन्होंने इस बात पर रोशनी डाली कि 2022 में सम्मेलन की शुरुआत कैसे हुई तथा तब से यह विश्वविद्यालय के सबसे सफल आयोजनों में से एक रहा है।

 

जामिया मिल्लिया इस्लामिया के शिक्षा संकाय की डीन तथा जेआईसीई-2025 की सह-संरक्षक प्रोफेसर सारा बेगम ने एनईपी 2020 की प्रासंगिकता के बारे में अपने विचार साझा करते हुए उपस्थित लोगों को संबोधित किया तथा शिक्षा में अनुसंधान, नवाचार तथा नीतिगत सहभागिता के प्रति अपने संकाय की प्रतिबद्धता पर ध्यान केंद्रित किया। उद्घाटन सत्र का संचालन डॉ. एरम खान,एसोसिएट प्रोफेसर ने किया जो जेआईसीई-2025 की एक आयोजन सचिव भी हैं ।

 

प्रथम मुख्य वक्ता, एनआईओएस की पूर्व अध्यक्ष प्रो. सरोज शर्मा ने राष्ट्र निर्माता के रूप में शिक्षकों की महत्वपूर्ण भूमिका पर बल दिया और एनईपी-2020 के प्रमुख बिंदुओं पर रोशनी डाली जिसका उद्देश्य विशेष रूप से आईटीईपी के माध्यम से शिक्षक शिक्षा में सुधार लाना है। उन्होंने वैश्विक और राष्ट्रीय संदर्भों में प्रगतिशील कार्यान्वयन के उदाहरण प्रस्तुत किए। तदुपरांत दूसरे मुख्य वक्ता, डॉ. गिमोल थॉमस जॉर्ज, नोवा साउथईस्टर्न यूनिवर्सिटी, फ्लोरिडा, यूएसए ने वर्चुअल मोड में अपने दृष्टिकोण प्रस्तुत किए। उन्होंने छात्रों को आकार देने वाले वास्तुकारों के रूप में शिक्षकों की भूमिका पर विचार साझा किए । उन्होंने शिक्षक शिक्षा की चुनौतियों पर बल दिया जिसके लिए शिक्षा में अधिक निवेश करने की कार्रवाई की आवश्यकता है, जिसमें शिक्षण के बारे में रचनात्मक प्रतिक्रिया प्राप्त करने पर ध्यान केंद्रित किया जाना चाहिए। उन्होंने इस विचार पर ध्यान केंद्रित किया कि प्रत्येक शिक्षक को शिक्षा प्रणाली का अगला नेता बनने का लक्ष्य रखना चाहिए। तीसरे मुख्य वक्ता ऑस्ट्रेलिया के मेलबर्न विश्वविद्यालय की प्रोफेसर कैथरीन कोलमैन ने अपने रिकॉर्ड किए गए भाषण में अनिश्चित समय में शिक्षकों की उभरती भूमिका के बारे में संक्षेप में बताया जिसमें शिक्षक शिक्षा की चुनौतियों पर ध्यान केंद्रित किया गया।

 

विशिष्ट अतिथि, लेफ्टिनेंट कमांडर विनोद सिंह यादव, उप सचिव (इंस्टीट्यूट ऑफ एमिनेंस) यूजीसी ने भारत में शिक्षकों की चिंताजनक स्थिति पर ध्यान केंद्रित करते हुए सभा को संबोधित किया। उन्होंने छात्रों के बीच आलोचनात्मक सोच को प्रोत्साहित करने के लिए सटीक और प्रासंगिक प्रश्न पूछने के महत्व पर रोशनी डाली । कार्यक्रम के मुख्य अतिथि, बिहार के मोतिहारी स्थित महात्मा गांधी केंद्रीय विश्वविद्यालय के पूर्व कुलपति प्रोफेसर संजीव कुमार शर्मा ने शिक्षकों के महत्व और आज के आधुनिक समय में उनके सामने आने वाली चुनौतियों पर विचार-विमर्श किया जिसमें कृत्रिम मेधा और अन्य उभरती प्रौद्योगिकियों में उनके कौशल एवं दक्षताओं को अद्यतन करने की आवश्यकता पर ध्यान केंद्रित किया गया।

 

जामिया मिल्लिया इस्लामिया के माननीय कुलपति प्रोफेसर मजहर आसिफ ने अपने अध्यक्षीय भाषण में जामिया मिल्लिया इस्लामिया में एनईपी-2020 के कार्यान्वयन पर विस्तार से बताया। उन्होंने सांस्कृतिक मूल्यों, नैतिकता और संगत व्यवहार के महत्व पर रोशनी डाली । उन्होंने महिला सशक्तिकरण और इसे प्राप्त करने में शिक्षकों की भूमिका पर भी ध्यान केंद्रित किया।

 

उद्घाटन सत्र का समापन जेआईसीई-2025 के आयोजन सचिव डॉ. अंसार अहमद द्वारा प्रस्तावित धन्यवाद ज्ञापन के साथ हुआ जिसके उपरांत आईएएसई, जामिया मिल्लिया इस्लामिया के डॉ. पेटला रामकृष्ण और श्री जीशान ज़मीर अहमद के नेतृत्व में राष्ट्रगान हुआ।