मध्य प्रदेश

पहलगाम हमले से दुखी होकर शाहबुद्दीन बने श्यामलाल, दरगाह पर कव्वाली की जगह करवाया सुंदरकांड पाठ

इंदौर,इंदौर के कुलकर्णी नगर में एक अनोखी घटना सामने आई है। यहां के रहने वाले श्यामलाल निनोरी ने जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले से दुखी होकर न केवल हिंदू धर्म में घर वापसी की, बल्कि दरगाह परिसर में कव्वाली की जगह सुंदरकांड का पाठ भी करवाया।

श्यामलाल निनोरी पिछले 40 सालों से ग्वालियर स्थित सैयद निजामुद्दीन की दरगाह की सेवा कर रहे थे। इस दौरान स्थानीय लोगों ने उन्हें मुस्लिम मानकर उनका नाम शाहबुद्दीन रख दिया था और श्यामलाल भी खुद को शाहबुद्दीन मानने लगे थे। हाल ही में जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकवादी हमले में कई हिंदू परिवारों की जानें गईं, जिससे श्यामलाल का दिल बदल गया।

इसी परिवर्तन के बाद श्यामलाल ने हिंदू धर्म को अपनाने का निर्णय लिया। क्षेत्रीय पार्षद की पहल पर उन्होंने दरगाह परिसर में एक विशेष सुंदरकांड पाठ आयोजित किया, ताकि वह पहलगाम हमले में मारे गए लोगों की श्रद्धांजलि अर्पित कर सकें। यह आयोजन दरगाह में पहले होने वाली पारंपरिक कव्वाली के स्थान पर हुआ और श्यामलाल का यह कदम धार्मिक और सांस्कृतिक सद्भाव का प्रतीक बन गया।

इस घटना ने धार्मिक और सांप्रदायिक एकता की मिसाल पेश की है और यह दिखाया कि मानवता और शांति के लिए किसी भी धर्म के अनुयायी एक दूसरे से जुड़ सकते हैं।