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नई दिल्ली में भव्य समारोह के साथ 2वीं एशियाई योगासन खेल चैम्पियनशिप का उद्घाटन

संवाद।। सादिक जलाल

20 से अधिक देशों के 200 से ज्यादा खिलाड़ी परंपरा और खेल कौशल के संगम का जश्न मना रहे हैं

नई दिल्ली, : भारत के लिए ऐतिहासिक क्षण आया है जब योगासन (भारत का खेल) ने नई दिल्ली के इंदिरा गांधी खेल परिसर स्थित केडी जाधव इंडोर एरीना में आयोजित भव्य उद्घाटन समारोह के साथ 2वीं एशियाई योगासन खेल चैम्पियनशिप में केंद्र मंच संभाला। खेल मंत्रालय, भारतीय खेल प्राधिकरण (SAI), योगासन भारत और एशियन योगासन फेडरेशन के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित इस चैम्पियनशिप में एशिया के 20 से अधिक देशों से 200 से अधिक श्रेष्ठ एथलीट भाग ले रहे हैं, जो योगासन खेल की तेजी से बढ़ती लोकप्रियता और ऊर्जा का उत्सव मना रहे हैं।
इस आयोजन का उद्घाटन माननीय केंद्रीय युवा मामले एवं खेल मंत्री डॉ. मनसुख मंडाविया ने किया। उन्होंने भारत की वैश्विक नेतृत्व क्षमता और योग व खेलों में योगदान को रेखांकित करते हुए कहा, “योग हमारे उपनिषदों की अमूल्य देन है, जिसे हमारे ऋषि-मुनियों ने प्रेमपूर्वक संजोया और पूरी दुनिया को स्वास्थ्य, संतुलन और अनुशासन का मार्ग दिखाने हेतु समर्पित किया। आज योगासन खेल चैम्पियनशिप जैसे प्रयासों के माध्यम से हम इस प्राचीन ज्ञान को वैश्विक आंदोलन में परिवर्तित कर रहे हैं। योगासन का प्रकाश पहले ही पूरी दुनिया में फैल चुका है — और मुझे दृढ़ विश्वास है कि निकट भविष्य में हम योगासन को ओलंपिक खेल के रूप में भी देखेंगे।”


समारोह की शुरुआत पारंपरिक दीप प्रज्वलन से हुई। इसके बाद दिव्यांग श्रवण बाधित खिलाड़ियों द्वारा भारतीय राष्ट्रगान प्रस्तुत किया गया। अरवाचीन स्कूल और ध्रुव ग्लोबल स्कूल के छात्रों ने सांस्कृतिक प्रस्तुतियों के माध्यम से योग की आध्यात्मिक और शारीरिक गरिमा को नृत्य और आंदोलन के जरिये जीवंत किया।


विश्व योगासन के अध्यक्ष योगऋषि स्वामी रामदेव जी महाराज ने विशेष संबोधन में अपने दृष्टिकोण को साझा करते हुए कहा, “योगासन केवल शारीरिक साधना नहीं, बल्कि यह शरीर, इन्द्रियों और मन को परिष्कृत करने की एक यात्रा है, जो जीवन में गरिमा, सहिष्णुता और शक्ति का संचार करती है। किंतु सच्चा योग इससे कहीं आगे है। निरंतर और श्रद्धा पूर्वक अभ्यास से योग साधक को उच्चतर चेतना की अवस्था तक ले जाता है — जिससे मानव नारायण बनता है और जीव ब्रह्मस्वरूप। योगासन को खेल के रूप में मनाते हुए हमें यह स्मरण भी करना चाहिए कि योग केवल सीखा न जाए, बल्कि जिया जाए, ताकि हमारा चरित्र उसका प्रतिबिंब बन जाए और विश्व योग के पथ पर आगे बढ़े।”
समारोह में सभी भाग लेने वाले देशों के टीम कप्तानों का परिचय कराया गया और विशिष्ट अतिथियों के साथ एक स्मारक फोटो सत्र भी आयोजित किया गया। भाग लेने वाले देशों में जापान, चीन, ईरान, दक्षिण कोरिया, थाईलैंड, मलेशिया, यूएई सहित कई अन्य देश शामिल हैं, जो एशिया भर में योगासन खेल के प्रति बढ़ते उत्साह को दर्शाते हैं।
समारोह को माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के एक विशेष संदेश ने और भी गरिमा प्रदान की। उन्होंने कहा, “यह केवल एक खेल प्रतियोगिता नहीं है, बल्कि संस्कृतियों, परंपराओं और मूल्यों का जीवंत संगम है। यह चैम्पियनशिप खेल उत्कृष्टता में नए और प्रेरणादायक मानक स्थापित करे और सांस्कृतिक आदान-प्रदान को बढ़ावा दे, तथा युवाओं को योग को एक सार्थक जीवन पथ के रूप में अपनाने के लिए प्रेरित करे।”


2वीं एशियाई योगासन चैम्पियनशिप 27 अप्रैल तक चलेगी, जिसमें कलात्मक, लयात्मक और टीम श्रेणियों में प्रतियोगिताएँ आयोजित की जाएंगी। यह आयोजन न केवल खेल प्रतिभा को प्रदर्शित करता है, बल्कि योग के मानसिक स्पष्टता, संतुलन और समग्र स्वास्थ्य पर स्थायी प्रभाव का भी उत्सव है।