गोरखपुर (DVNA)। जिले में नगर निगम, पीडब्ल्यूडी और जलनिगम के अफसरों की लापरवाही से रविवार को शहरवासियों के सब्र का बांध टूट पड़ा। कैंट इलाके के कूड़ाघाट सिंघडिय़ा में जल भराव की समस्या से जूझ रहे लोग मजबूरन सड़कों पर उतर आए। लोगों ने यहां गोरखपुर देवरिया राजमार्ग जाम कर दिया। सूचना पाकर आला अफसर और पुलिस मौके पर पहुंच गई।
अधिकारियों ने लोगों को समझाने की काफी कोशिश की, लेकिन नाराज भीड़ ने उनकी एक न सुनी। उनकी मांग है कि जब तक इलाके का पानी नहीं निकाला जाता, तब तक वह जाम नहीं खोलेंगे। उधर, इसकी सूचना पर जिम्मेदारों के हाथ पांव फूंलने लगे हैं। आनन फानन में टीम जलभराव वाले इलाकों में पानी निकालने के लिए रवाना कर दी गई है। दोपहर 1.30 बजे सिटी मजिस्ट्रेट और नगर निगम के अधिकारियो के आश्वासन पर जाम खुला। यहां लोगों ने सुबह 9.30 बजे से चक्का जाम कर रखा था।
दरअसल, बीते दिनों महज तीन दिनों की बारिश में गोरखपुर शहर का आधा हिस्सा डूब गया। सांसद रवि किशन, नगर विधायक डॉ.राधा मोहन दास अग्रवाल समेत कई विधायकों के घर भी पानी से घिर गए। इस दौरान बशारतपुर और गणेशपुरम, ओमनगर कॉलोनियों में नाव तक चलने लगी। वहीं देवरिया रोड के सिंघडिय़ा इलाके के दर्जन भर से अधिक परिवारों ने जलभराव से तंग आकर घरों से पलायन शुरू कर दिया। नगर निगम ने इस साल जलभराव से निजात दिलाने के लिए सौ से ज्यादा पंपिंग सेट की व्यवस्था की थी लेकिन कई नए इलाकों में जलभराव के कारण व्यवस्था फेल हो गई है। नागरिक अफसरों से पंपिंग सेट लगवाने की मांग कर रहे हैं लेकिन वह असमर्थता जता रहे हैं।
हालांकि बीते चार दिनों से बारिश न होने के बाद भी देवरिया रोड के सिंघडिय़ा इलाके अभी भी पूरी तरह जलमग्न हैं। स्थानीय पार्षद से लेकर नागरिकों ने इसकी शिकायत अधिकारियों से की, लेकिन किसी ने उनकी एक न सुनी। इतना ही नहीं इस इलाके के करीब दो दर्जन से अधिक लोगों के घर में भी पानी घुस गया। लिहाजा उन्हें अपने घरों से पलायन करना पड़ा। मजबूरी वश लोग अपने रिश्तेदारों के घर पर शरण ले रहे हैं।
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