विनोद मिश्रा, बांदा। जिले में बालू के अवैध खनन को रोकने के लिये पीएम एवं सीएम की खनन माफियाओं की मंसाओ पर बुलडोजर चलवा देने की घोषणा को जिले के जिम्मेदार अफसरों नें ठेंगा दिखा दिया हैं। पूरे जिले की अधिकांश खदानें अवैध खनन के खेल में चौका एवं छक्का जड़ रहें हैं! इन्हीं में से मटौंध थाना क्षेत्र की दो खदानें ग्राम मरौली की खंड संख्या चार और छह अवैध खनन एवं परिवहन के रिकार्ड कायम किये हैं।
संबंधित थाना प्रभारी अरविंद गौर पर इन खदान संचालकों की ऐसी मेहरबानियां हैं की उन पर दिन-रात धन वर्षा की कहानियां चर्चित सी हो गई हैं! बावजूद इसके मटौंध थाना प्रभारी अपने विभाग के आला अफसरों के चहेतें बने हुये हैं! मानों कानून व्यवस्था के कमाऊ पूत हों! तभी तो पीएम एवं सीएम के सख्ती के आदेशों को जिम्मेदार अफसर ठेंगा दिखा रहें हैं। खनन में निर्धारित पट्टे से हटकर खनन, पोकलैंड मशीनों का प्रयोग, फर्जी रवन्ना के अलावा किसानों की जमीनों से बालू भरे वाहनों का अवैध परिवहन दहशत फैलाकर हो रहा हैं।
इन कारणों से खूनी संघर्ष की “रिमझिम” कब “प्रलय” का रूप ले ले कहा नहीं जा सकता! मरौली ख्न्न्ड चार और छह के संचालक कुछ ऐसा हीं इतिहास सा बना रहें हैं, जो योगी सरकार की पुनः सत्ता में वापसी न होने के कारणों में से एक बन सकती हैं! आश्चर्य हैं प्रशासन खामोश क्यों हैं? कुछ न कुछ तो यह स्थितियां फील गुड का सा इशारा करातीं महसूस सी होती हैं!
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