103वीं जयंती पर शहर के साहित्यिक व सांस्कृतिक कर्मियों ने श्रद्धा सुमन अर्पित किए
आगरा। नाट्य पितामह स्व. राजेंद्र रघुवंशी की 103वीं जयंती के अवसर पर शहर के सामाजिक व साहित्यिक कर्मियों ने उन्हें याद किया। मदिया कटरा स्थित कार्यालय पर आयोजित विचार गोष्ठी में वक्ताओं ने उनके व्यक्तित्व और कृतित्व पर प्रकाश डाला। वक्ताओं ने कहा कि वह कुशल नाटककार के साथ साहित्यकार और दिग्गज पत्रकार भी थे।
साहित्यकार अशोक रावत, एमपी दीक्षित, रमेश पंडित, शरद गुप्ता ने कहा कि स्व. रघुवंशी एक व्यक्ति नहीं बल्कि संस्था थे। उन्होंने नाटक कारों की एक पौधे तैयार की है, जो देश और दुनिया में नाम कमा रही है।
आगरा इप्टा के कलाकार भगवान स्वरूप योगेंद्र, सुनीता धाकड़, यशोदा सक्सेना, असलम खान, जयकुमार, कमल गोस्वामी, अनुज गोस्वामी, मोहित सिकरवार, बृजेश श्रीवास्तव, राधेश्याम यादव स्वर्गीय रघुवंशी की कृतियों को प्रस्तुत किया। आगरा इप्टा के महासचिव दिलीप रघुवंशी ने स्व. रघुवंशी के जीवन पर प्रकाश डाला। कार्यक्रम में रविंद्र रघुवंशी, शकील चौहान, डॉ. राजीव शर्मा, डॉ. महेश धाकड़, मीतेन रघुवंशी, सिद्धार्थ रघुवंशी आदि मौजूद रहे। धन्यवाद नीतू दीक्षित ने दिया।
संवाद। क़ासिद अहमद