राजनीति

राहुल गांधी दलितों-अल्पसंख्यकों की आवाज़ उठाते हैं, इसलिए सरकार कर रही परेशान- शाहनवाज़ आलम

राहुल गांधी से डरती है मोदी सरकार

लखनऊ,। आरएसएस के हिंदू राष्ट्र के सपने में सबसे बड़ी बाधा गांधी परिवार है। क्योंकि वह हमेशा धर्मनिरपेक्ष और समतावादी मूल्यों के साथ खड़ा होता है। यह परिवार अल्पसंख्यकों, दलितों और किसानों के हित में बोलता है। इसीलिए भाजपा राहुल गांधी से डरती है। ये बातें अल्पसंख्यक कांग्रेस अध्यक्ष शाहनवाज़ आलम ने स्पीक अप कार्यक्रम की 51 वीं कड़ी में कहीं।

शाहनवाज़ आलम ने कहा कि आरएसएस गांधी नेहरू परिवार से इस लिए द्वेष रखता है कि नेहरू जी ने देश को ऐसा संविधान दिया जिसमें सभी लोग बराबर थे। जबकि आरएसएस लोगों की गैर बराबरी में यक़ीन करता है। उसी तरह इंदिरा गांधी जी ने राजाओं और रजवाड़ों का प्रिवी पर्स खत्म करके आरएसएस को मिलने वाला आर्थिक स्रोत बन्द कर दिया और उस पैसे को दलितों के विकास पर खर्च करना शुरू कर दिया। चूंकि संघ दलित विरोधी है इसलिए इंदिरा गांधी के प्रति उसका नफरत और बढ़ गया। 1976 में इंदिरा गांधी सरकार द्वारा संविधान के प्रस्तावना में समाजवाद और पंथ निरपेक्ष शब्द जोड़ना भी आरएसएस को नागवार गुजरा। इसीलिए आज भाजपा राज्य सभा में समाजवाद और पंथनिरपेक्ष शब्द को संविधान से हटाने के लिए प्राइवेट मेंबर बिल ला रही है। शाहनवाज़ आलम ने कहा कि राहुल गांधी के प्रति आरएसएस और भाजपा का नफरत नेहरू और इंदिरा गांधी के मूल्यों के वाहक होने के कारण है।

शाहनवाज़ आलम ने कहा कि आज राहुल गांधी को अल्पसंख्यकों, दलितों, पिछड़ों, किसानों और नौजवानों का सवाल उठाने के कारण मोदी सरकार ईडी का दुरूपयोग कर डराना चाहती है। लेकिन इससे न तो राहुल गांधी पीछे हटेंगे और ना कांग्रेस डरेगी।

संवाद। अज़हर उमरी