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मनकामेश्वर मन्दिर रामलीला के पहले दिन हुआ नारद मोह लीला का मंचन

संवाद दानिश उमरी


आगरा। श्री मनःकामेश्वर मंदिर में रामलीला के पहले दिन नारद मोह लीला का मंचन किया गया। जब नारद को अपनी तपस्या का अभिमान हुआ। तब भगवान विष्णु ने उनके अभिमान को चूर करने के लिए माया रची और उन्हें वानर का रूप प्रदान किया।पहले दिन की लीला में नारद मुनि हिमालय की गुफा में तपस्या कर रहे थे। इस तपस्या से देवराज इंद्र का सिंहासन हिलने लगा और वो भयभीत हो उठे कि कहीं नारद अपने तप से इंद्रलोक को उनसे ना छीन ले। इंद्र ने कामदेव को नारद का तप भंग करने के लिए भेजा। मगर कामदेव, रंभा और अप्सराएं नारद का तप भंग करने में सफल नहीं रही। जिससे हारकर कामदेव ने नारद से क्षमा मांग ली।

जिसके बाद नारद विश्व मोहिनी के सौंदर्य से मोहित होकर उसके स्वयंवर में जा पहुंचे। नारद ने हरि से उनका रूप पाने का वरदान मांगा था। हरि मतलब बंदर भी होता है इसलिए नारद बंदर का रूप धारण कर स्वयंवर जा पहुंचे। स्वयंवर में विश्वमोहिनी ने नारद जी के नहीं बल्कि भगवान विष्णु के गले में माला डाली। जिससे नारद गुस्से में वहां से चले गए और बाहर जाकर पानी में अपनी छाया देखी तब उन्हें बंदर के रूप में होने का अहसास हुआ।

तब नारद ने विष्णुजी से कहा कि तुमने मेरे साथ छल किया है। इसलिए मैं तुम्हें तीन श्राप देता हूँ ।
तुम मनुष्य के रूप में जन्म लोगे।
दूसरा तुमने हमें स्त्री वियोग दिया, इसलिए तुम्हें भी स्त्री वियोग सहकर दुःखी होना पड़ेगा और जिस तरह हमें बंदर का रूप दिया है, इसलिए बंदर ही तुम्हारी सहायता करेंगे।

आज श्री राम लीला महोत्सव में अमरीकन राष्ट्रपति, जो बाईडन की डेमोक्रेटिक पार्टी की अहम सदस्य और पेन्सिलवेनिया शहर की ज़ोनल प्रमुख भारतीय मूल की मीनाक्षी सिंह महन्त योगेश पुरी जी के विशेष आग्रह पर प्रभु लक्ष्मीनारायण की आरती कर, आशीर्वाद प्राप्त किया।

बाबा मनःकामेश्वरनाथ जी के सोशल मीडिया प्लेटफ़ॉर्म यूट्यूब और फ़ेसबुक के साथ- साथ स्थानीय सिटी केबिल एवं मून टीवी पर सीधा प्रसारण किया जा रहा है।आज लीला के अंत में कन्या स्वरूप में प्यारी आराध्या की माँ भगवती स्वरूप में आरती की गई।कल लीला में रावण एवं मेघनाद विजय व माँ पृथ्वी पुकार का मंचन किया जाएगा ।