नई दिल्ली। साल 2014 के लोकसभा चुनाव कीगाँधी एक रैली में भाजपा के प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार नरेंद्र मोदी ने कहा था कि “‘कांग्रेस अब बूढ़ी हो चली है।’’ इसके जवाब में प्रियंका ने एक रैली में जनता से पूछा, “‘क्या मैं आपको बूढ़ी दिखाई देती हूं?’’ इस पर जनता ने जमकर तालियां बजाईं और प्रियंका मुस्कुराती रहीं। इस बात को बीते 9 साल हो गए हैं। साल 2024 के लोकसभा चुनाव की बिसात भी अभी से बिछने लगी है। लेकिन फिलहाल दक्षिण के राज्य कर्नाटक से बीजेपी की एग्जिट और कांग्रेस की एंट्री हो गई है। कांग्रेस ने कर्नाटक में पूरे दम खम के साथ अपनी उपस्थिति दर्ज करवाई। बीजेपी के स्टार कैंपेनर नरेंद्र मोदी और उनके कैबिनेट के सामने राज्य स्तर के नेताओं से इतर राहुल और प्रियंका ने मोर्चा संभाला और प्रदेश में जमकर रैली और रोड शो किए। लेकिन सबसे अहम बात पहले हिमाचल प्रदेश और अब कर्नाटक में जिस तरह से प्रियंका गांधी पार्टी की सबसे बड़ी प्रचारक बनती नजर आईं, उसे देखते हुए कांग्रेस में उनकी नई भूमिका को लेकर चर्चा शुरू हो गई है।
कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने कर्नाटक विधानसभा चुनाव में पार्टी प्रत्याशियों की जीत के लिए कड़ी मेहनत की थी। प्रियंका गांधी ने 25 अप्रैल से 8 मई के बीच कर्नाटक में पूरे नौ दिन का प्रचार किया। प्रियंका ने राज्य के 31 जिलों में से 18 जिलों में रैलियां और रोड शो किया। जिसमें 15 रैली और 11 रोड शो शामिल हैं। प्रियंका के रोड शो ने राज्य की जनता का ध्यान अपनी ओर खींचा।
वैसे तो इस बात की चर्चा काफी अरसे से होती रही है। लेकिन राहुल की सदस्यता जाने के बाद इसकी संभावना अब प्रबल नजर आ रही है कि प्रियंका गांधी की सक्रिय राजनीति में भागीदारी बढ़ने वाली है। वहीं पार्टी के अंदरूनी सूत्रों की माने तो प्रियंका गांधी के लिए पार्टी ने बड़ी भूमिका तय की गई है और पीएम नरेंद्र मोदी को काउंटर करने के लिए कांग्रेस अब उनका अधिकतम इस्तेमाल करेगी। प्रियंका गांधी ने तेलंगाना में पार्टी के चुनाव प्रचार की शुरुआत की। फिर अगले महीने वह मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ में चुनाव प्रचार करने जाएंगी। इन तीनों राज्यों में साल के अंत में विधानसभा चुनाव होने हैं। कांग्रेस को इसका अहसास हो चुका है कि अगर नरेंद्र मोदी की अगुआई वाली बीजेपी से मुकाबला करना है तो निरंतर प्रचार में रहना होगा। प्रियंका गांधी को इसी भूमिका के लिए देखा जा रहा है।