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जगनेर-सैरेंधी गांव के 10 गुमनाम बलिदानियों के परिजनों को खोजकर किया भावपूर्ण सम्मान

शहीदों के परिजन कलश में भर कर लाए अपने गांव की मिट्टी तो भावुक माहौल में छलके देशभक्ति के अश्रु

राजपूताना होली की प्रस्तुति में मिली शौर्य गाथा की झलक

संस्कृति मंत्रालय, भारत सरकार के निर्देशन में सीएआरडीसी द्वारा संस्कार भारती के सहयोग से बंसल मैरिज होम, जगनेर में किया गया क्रांति तीर्थ श्रंखला का भावपूर्ण आयोजन

आगरा। आजादी के अमृत महोत्सव के अंतर्गत संस्कृति मंत्रालय, भारत सरकार के निर्देशन में सीएआरडीसी यानी सेंटर फॉर रिसर्च ऑन डेवलपमेंट एंड चेंज द्वारा संस्कार भारती के सहयोग से संचालित क्रांति तीर्थ श्रंखला की कड़ी में सोमवार शाम जगनेर स्थित बंसल मैरिज होम में जगनेर के सैरेंधी गांव के गुमनाम स्वतंत्रता आंदोलनकारियों को समर्पित भावपूर्ण आयोजन किया गया।


रामानंद (काला पानी की सजा प्राप्त), छिद्दू हलवाई, बाबूलाल, डालचंद वैद्य, श्रीमती चिरौंजी देवी, गजाधर सिंह, महाराज सिंह, प्रेम नारायण शर्मा, श्यामलाल और प्यारेलाल सहित भारत माता की आजादी के 10 गुमनाम नायकों के परिजनों को खोज कर इस कार्यक्रम में सम्मानित किया गया। सम्मान पाने वाले शहीदों के परिजनों में गोपालदास, महेश चंद, राजेंद्र प्रसाद, राकेश गर्ग, जगदेव सिंह, ननुआ सिंह, जयप्रकाश भटेले, राजकुमार और हरिओम प्रमुख रूप से शामिल थे।


समारोह के मुख्य अतिथि व सहकारी बैंक के चेयरमैन श्याम भदौरिया, समारोह के अध्यक्ष सुगम आनंद, संस्कार भारती के अखिल भारतीय संरक्षक बांकेलाल गौड़, जगनेर के पूर्व चेयरमैन नरेंद्र पाठक, मुख्य वक्ता डॉ. तरुण शर्मा तथा कार्यक्रम संयोजक राज बहादुर सिंह राज ने संयुक्त रूप से शहीदों के परिजनों को साफा, माला, उत्तरीय और स्मृति चिह्न प्रदान कर सम्मानित किया।
इस मौके पर शहीदों के परिजन जब कलश में भरकर अपने गांव की मिट्टी लेकर आए, तो माहौल में देशभक्ति का जज्बा उमड़ पड़ा। लोगों की आंखों से बलिदानियों के प्रति सम्मान के आंसू छलक पड़े।


इस दौरान विनोद कुमार एवं राजेंद्र शुक्ला तथा उनके साथियों द्वारा प्रस्तुत राजपूतानी होली में झलकी शौर्य गाथा ने सभी को भावविभोर कर दिया। कार्यक्रम का संचालन और संयोजन वरिष्ठ साहित्यकार राज बहादुर सिंह राज ने किया। आलोक आर्य, अर्पित चित्रांश, राजीव शर्मा, यतेंद्र सोलंकी और प्रखर अवस्थी ने अतिथियों का स्वागत किया।