प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदीने आज पोर्ट मोरेस्बी में पापुआ न्यू गिनी केप्रधानमंत्री जेम्स मरापे के साथ हिन्द प्रशांतद्वीप समूह मंच- एफआईपीआईसी कीतीसरी शिखर बैठक की अध्यक्षता की। प्रधानमंत्री ने बैठक के प्रारंभिक संबोधन मेंकहा कि आज समूचा विश्व नई चुनौतियों का सामना कर रहा है और खाद्य, ईंधन, उर्वरक औरफार्मा की वैश्विक आपूर्ति श्रृंखला में बाधाएं आ रही है। उन्होंने कहा कि जब कोविडने विश्व को प्रभावित किया और कई विश्वसनीय देशों ने मदद नहीं की तब भारत, प्रशांत क्षेत्रके अपने मित्र द्वीप देशों को सहयोग देने के लिए आगे आया। प्रधानमंत्री ने कहा कि भारतकी यह जिम्मेदारी है कि वह जी20 के माध्यम से विश्व को ग्लोबल साउथ की चिंताओं, आशाओं औरआकांक्षाओं के बारे में अवगत कराए। उन्होंने कहा कि भारतीय अवधारणा में समूचे विश्वको एक परिवार के रुप में देखा जाता है और वसुधैव कुटुंबकम का मंत्र भारत का प्रमुखप्रेरणा स्रोत है।
पापुआ न्यू गिनी के प्रधानमंत्री जेम्स मारपेने कहा कि वे वैश्विक आधिपत्य के शिकार हैं। उन्होंने कहा कि प्रशांत क्षेत्र केद्वीपीय देश वैश्विक मंचों पर भारतीय नेतृत्व के साथ रहेंगे। श्री मारापे ने प्रधानमंत्रीमोदी से जी-20 और जी-7 जैसे वैश्विक मंचों पर छोटे द्वीपीय देशों की आवाज बनने का अनुरोधकिया। उन्होंने श्री मोदी को ग्लोबल साउथ का नेता बताया। पोर्ट मोरेस्बी में इलाबीच पर स्थित एपीईसी हाउस में आयोजित इस शिखर बैठक में करीब 14 देशों के नेता शामिल हुए। वर्ष 2014 में श्री मोदी की फिजी यात्रा के दौरान एफ आई पी आई सी शुरू किया गया था।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को उनके वैश्विक नेतृत्वके लिए फिजी के सर्वोच्च नागरिक सम्मान “The Companion of theOrder of Fiji” से सम्मानित किया गया। श्रीमोदी ने फिजी के प्रधानमंत्री सिती वेनी राबुका से पदक प्राप्त किया। श्री मोदी नेएक ट्वीट में इस पुरस्कार के लिए श्री राबुका के प्रति आभार व्यक्त किया। उन्होंनेफिजी की जनता और सरकार के प्रति कृतज्ञता भी व्यक्त की। प्रधानमंत्री ने कहा कि यहभारतीय जनता का सम्मान और दोनों देशों के बीच मजबूत संबंधों की पहचान है। पापुआ न्यू गिनी के गवर्नर जनरल बोब डाडे ने श्री मोदी को अपने सर्वोच्चनागरिक पुरस्कार Grand Companion of the Order of Logohu सेसम्मानित किया। श्री मोदी ने प्रशांत क्षेत्र के द्वीपीय देशों की एकता को बढ़ाने मेंयोगदान करने और ग्लोबल साउथ के मुद्दों को आगे ले जाने के लिए यह पुरस्कार प्राप्तकिया।
इससे पहले प्रधानमंत्री मोदी ने पापुआ न्यू गिनी के प्रधानमंत्री जेम्स मारापे के साथ बैठक की और व्यापक द्विपक्षीयसंबंधों पर विचार विमर्श किया। श्री मोदी ने एक ट्वीट में कहा कि उन्होंने और श्रीमारापे ने समूचे द्विपक्षीय संबंधों सहित कई मुद्दों पर सार्थक बातचीत की। श्री मोदीने कहा कि उन्होंने और श्री मारापे ने वाणिज्य, प्रोद्यौगिकी, स्वास्थ्यऔर जलवायु परिवर्तन के बारे में सहयोग बढ़ाने के तौर तरीकों पर बातचीत की। प्रधानमंत्री मोदी ने पापुआ न्यू गिनी के गवर्नर जनरल बॉबडाडे के साथ भी अलग से बातचीत की और दोनों देशों के बीच कई क्षेत्रों में सहयोग मजबूतकरने पर बल दिया। श्री मोदी ने ट्वीट में कहा कि पापुआ न्यू गिनी के गवर्नर जनरल केसाथ उनकी बैठक बहुत अच्छी रही।
मोदी की पापुआ न्यू गिनी की यात्रा किसी भारतीय प्रधानमंत्रीकी पहली यात्रा है। पापुआ न्यू गिनी के प्रधानमंत्री जेम्स मारापे ने हवाई अड्डे परश्री मोदी का स्वागत किया और उन्हें सम्मान देते हुए उनके पैर छूए।प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी अपनी यात्रा के तीसरे चरण में तीन दिन की यात्रा पर आज ऑस्ट्रेलिया के लिए रवाना हो गए। वे ऑस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्री एंथनी अल्बनीज के साथ द्विपक्षीय बैठक करेंगे।
ऑस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्री कार्यालय ने कल एकबयान जारी किया और कहा कि प्रधानमंत्री मोदी की यह यात्रा मार्च में नई दिल्ली मेंऑस्ट्रेलिया-भारत वार्षिक शिखर बैठक और हिरोशिमा में जी-7 बैठक तथा क्वाड नेताओंकी बैठक के आधार पर हो रही है। बयान में कहा गया है कि द्विपक्षीय बैठक के दौरान दोनों नेता व्यापक आर्थिक सहयोग समझौते के माध्यम से दोनों देशों के बीच व्यापार में तेजी लाने के प्रयासों सहित व्यापार और निवेश पर चर्चा करेंगे। वे जनसंपर्क, नवीकरणीय ऊर्जा, रक्षा और सुरक्षा सहयोग मजबूत करने के बारे में भी मिलकर काम करेंगे।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने प्रशांत क्षेत्र के द्वीपीय देशों के भारतीय तकनीक और आर्थिक सहयोग कार्यक्रम के पूर्व कार्यकर्ताओं के साथ भी बातचीत की। उन्होंने भारत को अपने दिलो-दिमाग में बनाए रखने के लिए उनकी सराहना की और इस क्षेत्र के क्षमता-निर्माण प्रयासों में भारत के सहयोग की बात दोहराई। पापुआ न्यू गिनी की एक दिन की यात्रा के बाद प्रधानमंत्री मोदी सिडनी के लिए रवाना हो गए।