आगरा। रसभरी जलेबी की मिठास संग सुंदर सजावट का दृश्य भी बना कटरा हाथी शाह, नाई की मंडी स्थित श्री प्रेमनिधि मंदिर में। ठाकुर श्याम बिहारी जी की सेवा में चल रहे पुरुषाेत्तम मास के अन्तर्गत श्री विट्ठलनाथ जयंती उत्सव मनाया गया। उत्सव का एक रूप जलेबी उत्सव भी कहलाता है, जिसके चलते जलेबी की आकर्षक झांकी एवं प्रसादी हुयी। जलेबी उत्सव के चरण सेवक श्रीराम खंडेलवाल थे।
मुख्य सेवायत हरिमोहन गोस्वामी ने बताया कि श्रीविट्ठलनाथजी गोसाई जी ने पुष्टिमार्ग को राष्ट्रव्यापी स्वरूप प्रदान किया था। भगवान श्रीनाथ जी के साथ उनका इतना प्रेम था कि स्वयं श्रीनाथ जी ने उनका जन्मोत्सव सभी भक्तों के साथ जलेबी का भोग लगाकर मनाया, इसलिए गोसाई के इस तत्व को जलेबी उत्सव भी कहा जाता है। सुनीत गोस्वामी ने बताया कि ठाकुरजी के तिलक आरती व विशेष श्रृंगार किया गया। पं दिनेश पचौरी बताया कि पुष्टिमार्ग के प्रणेता जगद् गुरु महाप्रभु वल्लभाचार्यजी के द्वितीय पुत्र गोस्वामी बिट्ठल नाथजी का प्राकट्य पौष कृष्ण नव संवत् 1572 को हुआ था। उन्होंने पांच शताब्दी पूर्व राज, भोग व श्रृंगार की परम्परा को शुरू किया जो वर्तमान समय में भी देश के सभी वैष्णव मंदिरों में निबद्ध रूप से चल रही है। आचार्यश्री बिट्ठलनाथजी ने ही मंदिर में होने वाले हवेली भक्ति संगीत में राग आसावरी, धनाश्री, सारंग, सोरठ आदि को शामिल किया तथा छप्पन भोग, अन्नकूट व विविध प्रकार के मनोरथों व ठाकुरजी के नौ रत्नों माणिक, मोती, हीरा, पन्ना, पुखराज, फिरोजा, मीना, मूंगा व नीलम विभिन्न दिनों में मौसम व पर्व के अनुसार श्रृंगार शुरू किया। आशीष वल्लभ पचौरी ने बताया कि सोमवार को शिवरात्रि उत्सव मनाया जाएगा, जिसमें ठाकुर जी का श्रंगार महादेव के रूप में होगा।