उत्तर प्रदेश

संविधान बचाने के लिए दलितों-मुस्लिमों को अपने पुराने घर कांग्रेस में लौटना होगा-शाहनवाज़ आलम

बुलंदशहर के गांवों में हुईं जय जवाहर – जय भीम जन संपर्क बैठकें

बुलंदशहर। आज़ादी का महत्व तभी है जब संविधान सुरक्षित हो। भाजपा सरकार में संविधान ही खतरे में पड़ गया है। इसलिए आज़ादी भी खतरे में पड़ गयी है। जिसका सबसे बुरा असर दलित और मुस्लिम समुदाय पर पड़ा है। इसलिए संविधान और आज़ादी बचाने के लिए 2024 में कांग्रेस की सरकार बनानी ज़रूरी है। ये बातें अल्पसंख्यक कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष शाहनवाज़ आलम ने कल बुलंदशहर के चावली और ढिकोली गांव में जय जवाहर- जय भीम जन संपर्क कार्यक्रम के तहत आयोजित बैठकों में कहीं।

शाहनवाज़ आलम ने कहा कि आर एस एस भारत में लोकतंत्र की स्थापना का विरोधी रहा है। द्विराष्ट्रवाद का सिद्धांत देने वाले सावरकर ने कहा था कि अगर अंग्रेज़ों को भारत से जाना पड़े तो उन्हें भारत को नेपाल के हिंदू राजा को सौंप देना चाहिए और भारत के हिंदुओं को भी उन्हें अपना राजा मान लेना चाहिए। संघ ने सबको बराबरी का दर्जा देने वाले संविधान के लागू होने का विरोध किया था और इसकी जगह मनुस्मृति को लागू करने की मांग की थी। यही वजह है कि पूर्ण बहुमत से सत्ता में आने के बाद से ही मोदी सरकार संविधान को कमज़ोर करने की कोशिशें करती आ रही है।

उन्होंने कहा कि भाजपा को 2019 में 37 प्रतिशत वोट मिले थे जबकि यूपी में सिर्फ़ दलित और मुस्लिम अकेले 41 प्रतिशत हैं। ये दोनों वर्ग कांग्रेस को वोट करके अकेले संविधान विरोधी भाजपा को सत्ता से उखाड़ देंगे।

बैठक में अल्पसंख्यक कांग्रेस के प्रदेश उपाध्यक्ष खालिद मोहम्मद खान, वसी अहमद रिज़वी, मुनीर अकबर, ज़िला अध्यक्ष शुजात अली, वरिष्ठ कांग्रेस नेता शिवराम बाल्मीकि, पूर्व ज़िला कांग्रेस अध्यक्ष सुभाष गाँधी, सेवा दल के ज़िला अध्यक्ष प्रमोद कौशिक, हसन आतिफ, राजा आदि मौजूद रहे। बैठकों का संचालन राजीव गाँधी पंचायती राज संगठन के ज़िला अध्यक्ष रहमत राणा ने किया।