जीवन शैली

 एक फरवरी से होगा संस्कार भारती का चार दिवसीय अखिल भारतीय कला साधक संगम 

 श्री श्री रविशंकर आश्रम बेंगलुरु में आगरा सहित देश भर से जुटेंगे दो हजार से अधिक कला साधक, दुनिया को देंगे समरसता का संदेश 
 मंचीय कला और साहित्य के क्षेत्र में दिए जाएंगे एक लाख 51हजार रुपए के भरत मुनि सम्मान 
आगरा। संस्कार भारती के तत्वावधान में चार दिवसीय अखिल भारतीय कला साधक संगम का आयोजन एक फरवरी से बेंगलुरु स्थित श्री श्री रविशंकर आश्रम में किया जाएगा। सामाजिक समरसता की संकल्पना पर आधारित इस महासम्मेलन में आगरा सहित देश भर के लगभग दो हजार से अधिक कला साधक और प्रतिनिधि सहभागिता करेंगे।
        यह जानकारी रविवार को कमला नगर स्थित सरस्वती विद्या मंदिर में संस्कार भारती ब्रज प्रांत द्वारा आयोजित प्रेस वार्ता में *संस्कार भारती के केंद्रीय कार्यकारिणी सदस्य बांकेलाल गौड़* ने प्रदान की।
 भारतीय कला दृष्टि के प्रति होगी सोच विकसित 
       श्री बांकेलाल गौड़ ने स्पष्ट किया कि वर्ष 1990 से संस्कार भारती के वार्षिक अधिवेशन कला साधक संगम के रूप में देश के अलग-अलग स्थान पर आयोजित किए जाते हैं। इनमें संगीत, नाटक, चित्रकला, काव्य, साहित्य और नृत्य विधाओं से जुड़े देश भर के स्थापित व नवोदित कलाकार अपनी कला का प्रदर्शन करते हैं। इसके माध्यम से भारतीय कला दृष्टि के प्रति एक सोच विकसित होती है और कला साधक मातृभू आराधना में संलग्न होते हैं।
 समरसता का मिलेगा संदेश 
        संस्कार भारती के *राष्ट्रीय कोषाध्यक्ष सुभाष चंद्र अग्रवाल* ने बताया कि इस बार के कला साधक संगम में देश के अलग-अलग हिस्सों से आए साहित्यकार व कलाकार कला और साहित्य के माध्यम से समरसता का संदेश देंगे। इस निमित्त अलग-अलग सत्र में सेमिनार व मंचीय प्रस्तुतियां आयोजित की जाएंगी। समरसता शोभायात्रा भी निकाली जाएगी और समरसता कवि सम्मेलन भी होगा। इस दौरान पेंटिंग, फोटोग्राफी, कैलीग्राफी और रंगोली सहित दृश्य कला की प्रदर्शनी भी लगाई जाएगी।
 दृश्य और लोक कला होगी सम्मानित 
           संस्कार भारती के  पूर्व अखिल भारतीय साहित्य संयोजक और देश के वरिष्ठ साहित्यकार राज बहादुर सिंह राज* ने बताया कि चार दिवसीय अखिल भारतीय कला साधक संगम के दौरान भारत में पंचम वेद के नाम से विख्यात नाट्यशास्त्र के रचयिता महर्षि भरत मुनि को समर्पित 1लाख 51हजार रुपए का भरतमुनि सम्मान इस बार दृश्य कला के क्षेत्र में मुंबई के चित्रकार विजय दशरथ आचरेकर और लोक कला के क्षेत्र में सिंधु दुर्ग के गणपत सखाराम मसगे को उनकी कला साधना और अपने कार्यक्षेत्र में विशिष्ट योगदान के लिए दिया जाएगा। सम्मान राशि के साथ उन्हें स्मृति चिन्ह एवं प्रशस्ति पत्र भी दिया जाएगा। गौरतलब है कि देश के लब्ध प्रतिष्ठित विद्वानों की समिति द्वारा पारदर्शिता के साथ इन कलाकारों का चयन भरतमुनि सम्मान के लिए किया गया है।
 मैसूर के महाराज सहित कई गणमान्य हस्तियां होंगी शामिल 
              संस्कार भारती के  *प्रांतीय उपाध्यक्ष नंद नंदन गर्ग* ने बताया कि एक फरवरी को उद्घाटन सत्र में साहित्य और कला को संरक्षण प्रदान करने वाले मैसूर के महाराज यदुवीरा कृष्ण दत्ता क्षमाराजा वडियार के साथ प्रख्यात लोक कलाकार पद्मश्री मनजम्मा जोगाठी, रॉयल हिस्टॉरिकल सोसायटी यूके के फेलो डॉ. विक्रम संपत, पंडित रविंद्र यवागल और विजयनगर साम्राज्य से जुड़े कृष्णदेवराय प्रमुख रूप से शामिल रहेंगे।
 यह भी रहे शामिल 
        पत्रकार वार्ता में प्रांतीय साहित्य संयोजक डॉ. केशव शर्मा, जिला महामंत्री यतेंद्र सोलंकी, महानगर महामंत्री डॉ. मनोज पचौरी, जिला कोषाध्यक्ष राजेंद्र गोयल, प्रखर अवस्थी, राजपाल सोलंकी, डॉ. रमा सोलंकी और नंद किशोर भी प्रमुख रूप से मौजूद रहे। उल्लेखनीय है कि ये सभी कला साधक संगम में आगरा का प्रतिनिधित्व करेंगे।