उत्तराखंड

दरबार ए साबरी में पहुंचे सद्भावना दूत बाबा लाल शाह कादरी, चादर और फूल पेश करके मांगी मुल्क में अमन चैन और खुशहाली की दुआएं

पीरान कलियर शरीफ रुड़की हरिद्वार। चिश्ती सूफ़ी परंपरा के उच्च कोटि के सूफ़ी, और साबरी सूफ़ी परंपरा के प्रवर्तक हजरत सय्यद अलाउद्दीन अली अहमद साबिर कलियरी रहमतुल्लाह अलैह, का आस्ताना हिंदू मुस्लिम एकता और भाईचारे का प्रतीक है, सर्वधर्म के लोगों की आस्था के केंद्र इस आस्ताने से हमेशा मानवता भाईचारे और देशप्रेम की शिक्षा दी गई है।

इसी परंपरा को आगे बढ़ाते हुए सूफ़ी खानकाह एसोसिएशन देश भर में हिंदू मुस्लिम एकता को मजबूत करने वाले, और राष्ट्रवादी विचारधारा को आगे बढ़ाने वाले आयोजन कर रहा है। देश भर में अमन चैन और खुशहाली और हिंदू मुस्लिम एकता की कामना के साथ दुआ करने के लिए, सूफ़ी खानकाह एसोसिएशन राष्ट्रीय सचिव, दरगाह माफी कदम रसूल आगरा के सज्जादा नशीन, सदभावना दूत शेख मोहम्मद शफीक बाबा लाल शाह कादरी अशरफी, हजरत सय्यद मखदूम अलाउद्दीन अली अहमद साबिर पाक की, पीरान कलियर शरीफ रुड़की हरिद्वार उत्तराखण्ड स्थित दरगाह शरीफ में पहुंचे, जहां उन्होंने अपने मुरीदों अकीदतमंदों और सूफ़ी खानकाह एसोसिएशन के स्थानीय पदाधिकारियों के साथ, मजार पर हाजिरी दी और चादर तथा फूल पेश करके मुल्क में अमन चैन और खुशहाली और हिंदू मुस्लिम एकता की दुआ मांगी।

इसके बाद दरगाह के मुकद्दस खुद्दाम हजरात ने सद्भावना दूत शेख मोहम्मद शफीक बाबा लाल शाह कादरी अशरफी को पगड़ी बांध कर सम्मानित किया। इस मौके पर सूफ़ी खानकाह एसोसिएशन के कई प्रमुख पदाधिकारी उपस्थित रहे।