उत्तर प्रदेशजीवन शैली

डॉ. श्रीभगवान शर्मा स्मृति ग्रंथ का किया गया लोकार्पण उमड़ी यादें नम हुई आँखें

रोज रोज पैदा नहीं होते डॉ. श्रीभगवान शर्मा जैसे बहुआयामी विद्वान

हिंदी साहित्य, संस्कृत एवं भाषा विज्ञान के पुरोधा डॉ. श्रीभगवान शर्मा जी की प्रथम पुण्यतिथि पर कृतज्ञ शहरवासियों ने किया भावपूर्ण स्मरण

झूठ एवं चाटुकारिता से उन्होंने कभी समझौता नहीं किया: पद्मश्री डॉ. आरएस पारीक

आगरा। डॉ.  भगवान शर्मा स्मृति संस्थान के बैनर तले हिंदी साहित्य, संस्कृत एवं भाषा विज्ञान के पुरोधा स्मृति शेष डॉ. श्रीभगवान शर्मा जी की प्रथम पुण्यतिथि पर रविवार को विजयनगर कॉलोनी स्थित आगरा पब्लिक स्कूल सभागार में कृतज्ञ शहरवासियों ने उनका भावपूर्ण स्मरण किया। उनको अपने श्रद्धा सुमन अर्पित किए। इस दौरान जब उनके व्यक्तित्व और कृतित्व को समर्पित व उनके ज्येष्ठ पुत्र राजेंद्र शर्मा, कवि रामेंद्र शर्मा ‘रवि’ और अनिल शर्मा द्वारा संयुक्त रूप से संपादित स्मृति ग्रंथ का लोकार्पण किया गया तो उनकी यादें उमड़ पड़ीं और सभागार में बैठे लोगों की आँखें नम हो गईं।


समारोह की अध्यक्षता करते हुए अंतरराष्ट्रीय ख्याति प्राप्त कवि व उत्तर प्रदेश हिंदी संस्थान के पूर्व कार्यकारी उपाध्यक्ष डॉ. सोम ठाकुर ने कहा कि डॉ. शर्मा अच्छे विद्वान, मिलनसार और परोपकारी भावना वाले व्यक्ति थे।

ऐसा ज्ञान अन्यत्र देखने को नहीं मिलता

पद्मश्री से सम्मानित विख्यात होम्योपैथिक चिकित्सक डॉ. आरएस पारीक ने बतौर मुख्य अतिथि कहा कि डॉ. श्रीभगवान शर्मा अध्यात्म एवं साहित्यिक जगत की महान विभूति थे। सांस्कृतिक पर्वों के महत्व एवं उनके इतिहास का ऐसा ज्ञान अन्यत्र देखने को नहीं मिलता। झूठ एवं चाटुकारिता से उन्होंने कभी समझौता नहीं किया।

डॉ. शर्मा की कृतियाँ हैं साहित्य जगत के लिए धरोहर

पूर्व संस्कृत विभागाध्यक्ष डॉ. शशि तिवारी ने कहा कि डॉ. शर्मा जैसे बहुआयामी और अप्रतिम विद्वान रोज-रोज पैदा नहीं होते। उन्होंने विविध विषयों पर जो अनेक शोधपरक पुस्तकें लिखीं, वे सभी कृतियाँ साहित्य जगत के लिए धरोहर हैं। हरिद्वार से पधारे भारतीय ब्राह्मण फेडरेशन के पं. पदम प्रकाश जी कहा कि श्रीभगवान जी की विद्वता, तपस्या और समर्पण ने हमें हमेशा प्रेरित किया है। आपके उत्कृष्ट विचार हमेशा हमारा मार्गदर्शन करते रहेंगे।
आरबीएस कॉलेज के पूर्व प्राचार्य डॉ. जवाहर सिंह धाकरे ने कहा कि डॉ. शर्मा की प्रगतिशील सोच समाज को आगे ले जाने में योगदानकारी थी।

इन्होंने भी अर्पित किए भाव- सुमन

इस दौरान मंचस्थ सेवानिवृत आईएएस शशिकांत शर्मा, एपीएस ग्रुप के चेयरमैन महेश चंद शर्मा, केंद्रीय हिंदी संस्थान के कुलसचिव चन्द्रकाँत त्रिपाठी और सेंट जॉन्स कॉलेज के प्राचार्य डॉ. एसपी सिंह के साथ सभागार में उपस्थित अंतरराष्ट्रीय हिंदी समिति के महासचिव प्रवीन गुप्ता, भगत काव्य कला संगीत परिषद से जुड़े राधे चौधरी, व्यापार मंडल के अध्यक्ष प्रमोद गुप्ता, आरबीएस कॉलेज के हिंदी विभागाध्यक्ष डॉ. युवराज सिंह, आगरा कॉलेज की प्रोफेसर ममता सिंह, पीजी कॉलेज गंजडुंडवारा के प्राचार्य डॉ. शेखर शर्मा और एशिया खबर समाचार पत्र के संपादक विनय गुप्ता, कवि व साहित्यकार डाॅ. राजेन्द्र मिलन, डाॅ. अखिलेश गौड़, रामेन्द्र शर्मा रवि, राजीव खण्डेलवाल, डाॅ. पी.एन.अस्थाना ने भी डॉ. श्रीभगवान शर्मा के व्यक्तित्व और कृतित्व की हृदय से सराहना करते हुए उन्हें अपने भाव सुमन अर्पित किए।

21 मेधावी छात्रों को मिली छात्रवृत्ति

इस अवसर पर ‘ब्राह्मण परिषद, आगरा’ ने ब्राह्मण समाज के 21 मेधावी छात्रों को छात्रवृत्ति प्रदान कर उनका सम्मान किया। ब्राह्मण परिषद के अध्यक्ष पं. ब्रह्मदत्त शर्मा ने बताया कि मेधावी छात्रों को छात्रवृत्ति की शुरुआत डाॅ. श्री भगवान शर्मा ने ही की थी।

इन्होंने सँभालीं व्यवस्थाएँवरिष्ठ साहित्यकार डॉ. आरएस तिवारी 'शिखरेश' ने समारोह का संचालन किया। डॉ. शेखर शर्मा, अजय पंडित, राजेश शर्मा, मुकेश शर्मा, भास्कर शर्मा, श्रीमती मंजू शर्मा, डॉ. ज्योति शर्मा और श्रीमती वर्षा के साथ स्मृति ग्रंथ के संपादक राजेंद्र शर्मा, रामेंद्र शर्मा 'रवि' और अनिल शर्मा ने अतिथियों का स्वागत किया। डॉ. शेखर शर्मा ने आभार व्यक्त किया।