अन्यउत्तर प्रदेश

बांदा लोकसभा पर डेढ़ दशक बाद महिला कृष्णा नें ठोंकी ताल : चुनाव में आया उबाल

संवाद/ विनोद मिश्रा


बांदा। चित्रकूट -बांदा लोकसभा सीट पर सपा नें महिला प्रत्याशी कृष्णा पटेल को क्या उतारा की “चुनावी पारा चढ़” गया। बांदा के मतदाता यह गीत सा गा रहे हैं “खूब लड़ेगी यह मर्दानी बांदा की यह रानी” है। “रानी” इस लिये कहा जा रहा है की कृष्णा पटेल यहां की जिला पंचायत अध्यक्ष रह चुकी हैं।दरअसल डेढ़ दशक बाद यह स्थिति आई है की बांदा-चित्रकूट लोकसभा सीट पर महिला प्रत्याशी चुनाव मैदान में हैं। समाजवादी पार्टी की कृष्णा पटेल से पहले एक बार कांग्रेस और एक बार भाजपा ने महिला प्रत्याशी को मैदान में उतारा था।इस संसदीय सीट पर वर्तमान में करीब 48 फीसदी महिला वोटर हैं। ऐसे में दूसरी पार्टियों के रणबाँकुरों के माथे पर चिंताएं सी गहरा गई हैं!


चुनावी इतिहास पर नजर डालें तो सपा से पहले महिला को प्रत्याशी 1962 में पहली बार कांग्रेस ने बनाया था। पार्टी सावित्री निगम को टिकट दिया और वह जीती भी थीं। इसके बाद 2009 में भाजपा ने अमिता बाजपेयी को टिकट मैदान में उतारा, लेकिन वह चुनाव हार गई। इसके बाद किसी महिला प्रत्याशी पर कांग्रेस, बसपा व भाजपा ने दांव नहीं खेला। डेढ़ दशक बाद सपा ने पूर्व मंत्री शिवशकर पटेल की पत्नी पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष कृष्णा पटेल को प्रत्याशी घोषित कर अन्य सियासी खेमों में हलचल मचा दी है। कई समीकरण भी गड़बड़ा गए हैं।